किच्छो मनुस्सपटिलाभो, किच्छं मच्चान जीवितं।
किच्छं सद्धम्मस्सवनं, किच्छो बुद्धानमुप्पादो॥
मनुष्य योनि मे जन्म लेना कठिन है .. फ़िर मनुष्य बन कर रहना उससे भी कठिन ..धर्म को समझना और भी कढिन …तथा निर्वाण की प्राप्ति सर्वाधिक कठिन ।
धम्मपद १८२
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