अक्कोधेन जिने कोधं, असाधुं साधुना जिने।
जिने कदरियं दानेन, सच्चेनालिकवादिनं॥
अक्रोध से क्रोध को जीते , अभद्र को भद्र बन कर जीते , कृपण को दान से जीते और झूठ बोलने वाले को सत्य से जीते ।
धम्मपद २२३
Overcome the angry by kindness;
Overcome the wicked by goodness;
Overcome the miser by generosity;
Overcome the liar by truth.
Dhammapada 223
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