Sunday, April 11, 2010

Daily words of the Buddha # 11-4-2010

न हि पापं कतं कम्मं, सज्‍जु खीरंव मुच्‍चति।

डहन्तं बालमन्वेति, भस्मच्छन्‍नोव [भस्माछन्‍नोव (सी॰ पी॰ क॰)] पावको॥

जैसे ताजा दूध शीघ्र नही जमता , उसी तरह किया गया पाप कर्म शीघ्र अपना फ़ल नही लाता । राख से ढकी आग की तरह जलता हुआ वह मूर्ख का पीछा करता है ।

                                                धम्मपद गाथा बालवग्गो ५:७१

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