अत्तानं उपमं कत्वा, न हनेय्य न घातये॥
सभी दंड से डरते हैं । सभी को मृत्यु से डर लगता है । अत: सभी को अपने जैसा समझ कर न किसी की हत्या करे , न हत्या करने के लिये प्रेरित करे ।
धम्मपद –दण्ड्वग्गो
All tremble at violence, all fear death.
Putting oneself in the place of another, one should
not kill nor cause another to kill
No comments:
Post a Comment