Friday, January 1, 2016

नव वर्ष 2016 की शुभ आशीष



सकल विश्व के सारे प्राणी , मंगल लाभी होय रे ।
जन जन मंगल  जन जन मंगल , सबका मंगल होये रे ।।

आइये प्रण करें

नव वर्ष 2016 में बेहतर जीवन के लिए 20 टिप्स :

1. प्रतिदिन 10 से 30 मिनट टहलने की आदत बनायें. टहलते समय चेहरे पर मुस्कराहट रखें.
2. प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट चुप रहकर बैठें.
3. पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा पुस्तकें पढ़ें.
4. 70 साल की उम्र से अधिक आयु के बुजुर्गों और 6 साल से कम आयु के बच्चों के साथ भी कुछ समय व्यतीत करें.
5. प्रतिदिन खूब पानी पियें.
6. प्रतिदिन कम से कम तीन लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करें.
7. गपशप पर अपनी कीमती ऊर्जा बर्बाद न करें.
8. अतीत के मुद्दों को भूल जायें, अतीत की गलतियों को अपने जीवनसाथी को याद न दिलायें.
9. एहसास कीजिये कि जीवन एक स्कूल है और आप यहां सीखने के लिये आये हैं. जो समस्याएं आप यहाँ देखते हैं, वे पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं.
10. एक राजा की तरह नाश्ता, एक राजकुमार की तरह दोपहर का भोजन और एक भिखारी की तरह रात का खाना खायें.
11. दूसरों से नफरत करने में अपना समय व ऊर्जा बर्बाद न करें. नफरत के लिए ये जीवन बहुत छोटा है.
12. आपको हर बहस में जीतने की जरूरत नहीं है, असहमति पर भी अपनी सहमति दें.
13. अपने जीवन की तुलना दूसरों से न करें.
14. गलती के लिये गलती करने वाले को माफ करना सीखें.
15. ये सोचना आपका काम नहीं कि दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं.
16. समय ! सब घाव भर देता है.
17. ईर्ष्या करना समय की बर्बादी है. जरूरत का सब कुछ आपके पास है.
18. प्रतिदिन दूसरों का कुछ भला करें.
19. जब आप सुबह जगें तो अपने माता-पिता को धन्यवाद दें, क्योंकि माता-पिता की कुशल परवरिश के कारण आप इस दुनियां में हैं.
20. हर उस व्यक्ति को ये संदेश शेयर करें जिसकी आप परवाह करते हैं.🌞..
साल...
ज़रूर बदल रहा है
लेकिन साथ नहीं...
🌹..
स्नेह सदैव बना रहे...


Thursday, December 31, 2015

भेदभाव

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आकाश में पूरब और पशिचम का कोई भेद नही है , लोग अपने म्न में भेदभाव को जन्म देते हैं और फ़िर यह सह है ऐसा विशवास करते हैं ।
~ बुद्ध ~

Wednesday, December 30, 2015

धम्मपद गाथा 157 - अत्तवग्गो




यदि अपने को प्रिय समझते हो तो उसे सुऱक्षित रखो । समझदार व्यक्ति जीवन के तीन प्रहरों ( यौवनावस्था , प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था ) में से किसी एक में तो सचेत हो ।
धम्मपद - 157-अत्तवग्ग्गो


Monday, December 28, 2015

Present Moment - वर्तमान क्षण


The present moment contains past and future. The secret of transformation is in the way we handle this very moment.
~Thuch Nhat Hanh ~
वर्तमान क्षण में अतीत और भविष्य दोनों ही है । यह हम पर निर्भर करता है कि हम इस वर्तमान क्षण को कैसे संभालते हैं ।
~तिक न्यात हन्य~

Sunday, December 27, 2015

Life- Thich Nhat Hanh

 



Life is filled with suffering, but it is also filled with many wonders, like the blue sky, the sunshine, the eyes of a baby. To suffer is not enough. We must also be in touch with the wonders of life. They are within us and all around us, everywhere, any time."
~ Thich Nhat Hanh