Monday, May 12, 2014
Saturday, January 19, 2013
Meaning/purpose of life?
Once a man asked to Buddha "what is meaning/purpose of life?"Buddha simply exclaimed "Life has no meaning in itself but itself is an opportunity to make it meaningful".
Monday, March 14, 2011
Daily words of the Buddha #14-3-2011#
पोराणमेतं अतुल, नेतं अज्जतनामिव।
निन्दन्ति तुण्हिमासीनं, निन्दन्ति बहुभाणिनं।
मितभाणिम्पि निन्दन्ति, नत्थि लोके अनिन्दितो॥
धम्मपद २२७
हे अतुल , यह पुरानी बात है , आज की नही , लोग चुप रहने वाले की भी निंदा करते हैं , बहुत बोलने वाले की भी निंदा करते हैं . संसार मे अनिंदित कोई नही है .
न चाहु न च भविस्सति, न चेतरहि विज्जति।
एकन्तं निन्दितो पोसो, एकन्तं वा पसंसितो॥
धम्मपद २२८
ऐसा पुरुष जिसकी निंदा ही होती है या प्रशंसा ही प्रशंसा , न था , न है और न होगा .
Tuesday, May 4, 2010
Daily words of the Buddha # 4-5-2010
चरन्ति बाला दुम्मेधा, अमित्तेनेव अत्तना।
करोन्ता पापकं कम्मं, यं होति कटुकप्फलं॥
बाल बुद्धि वाले मूर्ख जन अपने ही शत्रु बन कर वैसे ही आचरण करते हैं और ऐसे ही पापकर्म करते है जिसका फ़ल उनके लिये कडुवा होता है ।
धम्मपद ६६
Monday, May 3, 2010
Daily words of the Buddha # 3-5-2010
यावजीवम्पि चे बालो, पण्डितं पयिरुपासति।
न सो धम्मं विजानाति, दब्बी सूपरसं यथा॥
चाहे मूढ व्यक्ति पंडित की जीवन भर सेवा मे लगा रहे , वह धर्म को वैसे ही जान नही पाता जैसे कलुछी सूप को ।
धम्मपद ६४