Sunday, January 10, 2016
Saturday, January 9, 2016
सिगालोवाद सुत्त - Sigalovada Sutta
सिगालोवाद सुत्त : छ: दिशाये और छ: प्रकार के रिशतों को बचाना ( ऊपर चित्र से )
छ: दिशाये:
१. जीवन का आरम्भ –हमारा बचपन । पूर्व दिशा बच्चॊ को तथा माता पिता को दर्शाती है ।
२. युवा होने पर अगला धरातल हमारा विधालय – दक्षिण दिशा विधार्थी तथा अध्यापकों को दर्शाती है ।
३. युवा –वयस्क होने पर परिवार का आरम्भ । पशिचम दिशा पति-पत्नी का प्रतीक है ।
४. आगे बढकर , हमारा सामाजिक जीवन । उत्तर दिशा मित्र तथा सहयोगी को दर्शाती है ।
५. कमाऊ होने पर हमारा व्यपार तथा अन्य कार्य होते हैं । नीचे की दिशा मालिकों , नियोक्ता तथा कर्मचारियों का प्रतीक है ।
६. जब हम जीवन मे परिपक्व होते हैं तब हम उच्च आर्द्श ढूँढते हैं । उत्तर की दिशा साधारण लोगों को तथा आध्यात्मिक गुरुऒं को दर्शाती है ।
दीघ निकाय के सिगाल सुत्त से पता चलता है कि सिगाल नामक युवक हठीला , भौतिकवादी और जिद्दी स्वभाव का युवक था । राजगृह के वेलुवन में विहार करते हुये भिक्षाटन के लिये निकले बुद्ध की मुलाकात श्रेष्ठिपुत्र सिगाल से होती है जो छह दिशाओं को झुककर नमस्कार कर रहा था । बुद्ध के पूछने पर उसने बताया कि उसके पिता की अन्तिम इच्छा अनुसार वह यह अनुष्ठान नियमित रुप से करता है लेकिन न तो उसको इस पर विशवास है और न ही वह इसका अर्थ जानता है ।
भगवान् बुद्ध नें सिगाल को उपदेश देते हुये कहा कि उनके धम्म में पूरब का मतलब माता- पिता , दक्षिण का अर्थ गुरु और शिक्षक , पशिचम का अर्थ पत्नी और बच्चे , उत्तर का मतलब मित्र और रिशतेदार , धरती का अर्थ कर्मचारी , नौकर-चाकर और आसामान का अर्थ साधु संत, महापुरुष तथा आर्दश व्यक्ति होता है । बुद्ध ने कहा कि छ: दिशाओं की पूजा इस तरह से करनी चाहिये
Friday, January 8, 2016
Thursday, January 7, 2016
धम्मपद-अप्पमाद वग्गो गाथा 29 -उत्साही बनें
आलस्य रहित,उत्साही बने रहते हुए सदैव जाग्रत रहने की यह भगवान बुद्ध की देशना लोगों की प्रगति हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। कमजोर घोड़े का उदाहरण भी सीधा सादा , सरल और रोचक है ।
Attitude -Dalai Lama
Dalai Lama says: "I believe each human being has the potential to change, to transform one’s own attitude, no matter how difficult the situation."
Wednesday, January 6, 2016
Tuesday, January 5, 2016
By your own effects waken yourself, watch yourself. And live joyfully. You are the master. – Buddha
" By your own effects waken yourself, watch yourself. And live joyfully. You are the master. "
~~ Buddha ~~
Image Source : Joelannesley.com